
– ऋषिकेश के इंदिरा नगर निवासी वंश गर्ग ने तीसरी कोशिश में पाई सफलता
ऋषिकेश (हरीश तिवारी):
हिम्मत नहीं हारा हूं,
अभी भी हौसलों में जान है ।
तू देख ,बस देख ,
मेरे हौसलों में कितनी ऊंची उड़ान है।
ऋषिकेश के इंदिरा नगर निवासी वंश गर्ग ने इन पंक्तियों को सच कर दिखाया है। 5 वर्ष पहले पिता का साया सर से उठ गया। मां और छोटी बहन की जिम्मेदारी सर पर थी। बच्चों को ट्यूशन पढ़ाकर परिवार को पाला। वंश की नीट की तैयारी भी साथ-साथ चलती रही। मां नीलम गर्ग और छोटी बहन तनिष्का ने वंश को हौसला दिया। वंश की मेहनत रंग लाई, तीसरी कोशिश में उसने आखिरकार नीट की परीक्षा पास कर ली और भविष्य में अपने डॉक्टर बनने का रास्ता भी खोल दिया। वंश गर्ग ने ऑल इंडिया रैंक 12776 हासिल की है।
ऋषिकेश इंदिरा नगर निवासी वंश के पिता डॉ मनोज गर्ग की वर्ष 2020 में हार्ट अटैक से मृत्यु हो गई थी। वह गणित के शिक्षक थे। परिवार में मां नीलम गर्ग और छोटी बहन तनिष्का की जिम्मेदारी अब वंश के कंधों पर थी। वंश का सपना डॉक्टर बनकर देश की सेवा करना था।
वंश ने ट्यूशन पढ़ाकर अपने परिवार को पाला, अच्छा डॉक्टर बनने के लिए वह पढ़ाई भी करता रहा। इस वर्ष तीसरी बार उसने कड़ी मेहनत की और नीट की परीक्षा पास करके दिखाई। उसने बताया कि वह प्रतिदिन 6 से 8 घंटे पढ़ाई करते थे। उन्होंने श्री भरत मंदिर पब्लिक स्कूल से 12 वीं की परीक्षा पास की थी। वंश ने नीट परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 12776 हासिल की है। उसने अपनी सफलता के आगे परिवार की मजबूरियों को कभी भी आढ़े नहीं आने दिया। उसने किसी भी कदम पर हार नहीं मानी। अब वह एक अच्छा डॉक्टर बनकर जरूरतमंदों की सेवा करना चाहता है।