

– कहा, उनके दरवाजे सभी राजनीतिक दलों के लिए खुले, जब विरोधी निरुत्तर होते हैं तो अंधविश्वास का आरोप लगाते हैं
ब्यूरो,ऋषिकेश:
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि ब्रेन डिटाक्स ऐसी पद्धति है, जिसमें ध्यान साधना के माध्यम से विचारों को शुद्ध किया जाता है। आज राजनेताओं को इस पद्धति की सबसे ज्यादा जरूरत है, ताकि धर्म, जातिवाद आधारित विचार खत्म हों। कहा कि अब पर्चा दिखाने से देश का भला नहीं होने वाला, बल्कि ब्रेन डिटाक्स के माध्यम से भारतीयों का आध्यात्मिक व बौद्धिक विकास किया जाएगा। तब निश्चित रूप से भारत विकसित राष्ट्र बनेगा।
शुक्रवार को परमार्थ निकेतन में स्वामी चिदानंद सरस्वती के सानिध्य में पत्रकारों से बातचीत में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि हमारे दरवाजे सभी राजनीतिक दलों के लिए खुले हैं, क्योंकि संत किसी पार्टी विशेष का नहीं होता है। उसके लिए सब राजनीतिक दल एकसमान हैं। कहा कि उनका सभी राजनीतिक दलों से यह भी आग्रह है कि जब राष्ट्र के विकास, शिक्षा व युवाओं की बात आए तो राजनीति से ऊपर उठकर सोचें। धर्म-जाति, क्षेत्र की राजनीति व फूट डालो नीति से कोई लाभ नहीं होगा।
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि ब्रेन डिटाक्स में हर समस्या का समाधान करने की क्षमता है। कहा कि उन्होंने इस पद्धति का पहला प्रशिक्षण शिविर बागेश्वर धाम में लगाया था, अब दूसरा शिविर परमार्थ निकेतन में लगाया गया है। कहा कि आज बच्चे व बड़े प्रतिदिन औसतन छह घंटा मोबाइल फोन प्रयोग करते हैं, जिससे मानसिक व अन्य विकार उत्पन्न हो रहे हैं। मनुष्यों के विचारों में अशुद्धि व व्यक्तित्व का पतन हो रहा है। ऐसे में ब्रेन डिटाक्स पद्धति मनुष्य को ध्यान साधना के माध्यम से आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करती है, जिससे मनुष्य के मन-मस्तिष्क में सकारात्मक विचार व ऊर्जा उत्पन्न होते हैं। उन्होंने उत्तराखंड में अपने अनुभवों पर कहा कि देश-दुनिया में अनेक पर्वत हैं, लेकिन केदारनाथ सिर्फ उत्तराखंड में है। ऐसे ही गंगा नदी भी सिर्फ उत्तराखंड में है। ध्यान साधना के लिए इससे पवित्र स्थल कोई नहीं।